मौत की सजा...
मौत की सजा...
एक पादरी, वकील और तकनीशियन को विद्रोह के कारण मौत की सजा मिली। जब अपराधियों ने आखिरी ख्वाहिश कि प्रथा बताई तो उन्हें गर्दन ऊपर और नीचे रखने के विकल्प मिले। पादरी ने ऊपर देखना स्वीकारा ताकि भगवान को देख सके और जैसे ही बटन दबाया गया तो आरी गर्दन से सिर्फ 2 इंच ऊपर रूक गई।
अधिकारियों ने इसे ईश्वर की मर्जी समझ कर उसे छोड़ दिया। वकील ने भी ऊपर देखा और जब आरी रूकी तो वह बोला कानूनन एक व्यक्ति को दो बार सजा नहीं दी जा सकती और वो भी छूट गया।
तकनीशियन ने यही चूज किया। जब बटन दबाया जा रहा था तो वो चिल्लाया एक मिनट रुको! अगर आप उस हरे और लाल तार को आपस मे बदल देंगे तो काम हो जाएगा । ... और काम तमाम हो गया।
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