हादसा और कार
हादसा और कार
शाम का झुटपुटा था, झुटपटे में पेड़ों की छांव थी, छांव में मेरी कार खड़ी थी, कार में मैं बैठा था और पहलू में मेरी गर्लफ्रेंड बैठी थी । मैंने उसकी आंखों में आंखे डालकर एक खामोश सवाल किया, उसने खामोश जवाब दिया जिसके नीतजे के तौर पर मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया। फिर मैंने उसके कान में फुसफुसा कर खास सवाल किया जिसका मेरा पसंदीदा जवाब मुझे फौरन मिला।
नतीजन अब वो उम्मीद से है।
इस वाकये से जो सबक मुझे मिला, वो ये है कि हादसा तब भी हो सकता है जबकि कार खड़ी हो।
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