• Latest Posts

    प्याज के चमत्कारी उपयोग एवं उपचार

    Miracle Uses and Remedies of Onion


     प्याज के चमत्कारी उपयोग एवं उपचार

    देखने और कहने को वैसे प्याज एक साधारण सी वस्तु है, परन्तु प्रकृति ने उसमे कई चमत्कार भर दिए हैं, जिनमे निम्नलिखित विशेषकर उल्लेखनीय हैं

    सांप काटे का चमत्कारी नुस्खा-

    हकीम वजीर चद के कथनानुसार _यह नुस्खा उन्हें एक बूढे काठियावाड़ी महात्मा से मिला था और अब तक अत्यन्त लाभकारी सिद्ध होता रहा है । लोगो को उमगे प्रयश्य लाभ उठाना चाहिए, नितान्त हानिरहित है। कभी भी तीन मात्रा मे अधिश मेवन कराने की आवश्यकता नहीं पड़ी।

    प्याज कूट कर निकाला हुमा रम और तेल मरमो दोनों तीम-नीम ग्राम । अच्छी तरह मिलाकर रोगी को पिला दीजिए। यदि रोगी का जीवनधन भाग्य ने अभी छीन नही लिया तो इतनी ही पोर (यह एक मात्रा है) दो मात्रा से ईश्वर की कृपा से पाराम होगा (तीन माया प्राध-पाथ पटे पश्चात् दें)।

    हैजे को रामबाण दवा-

    याने नाजुक-मे-नाजुक हालत में अपना जाद् दिखाने वाला नुस्खा यह है -

    फपूर देसी वढिया ऐक ग्राम, प्याज का रस मवा-मी ग्राम सत-पोदीना (पीपरमॅट) पाठ ग्राम सब मिलाकर शीशी में काक लगाकर रगे। प्रावश्यकता पड़ने पर एक-एक चाय चम्मच में तनिक मिश्री मिलाकर दें। यदि जीवन बाकी है तो ऐक ही दिन में दवा अपना जादू दिखाएंगी।

    दस्त और मरोड़-

    तीम ग्राम प्याज के रस में आधी रत्ती अफीम मिलाकर पिलाए, तुरन्त दस्त और मरोड बन्द होगें।

    दमा-

    प्याज का रस चाय के छ चम्मच-भर, शुद्ध मधु चौथाई किलो, खाने का सोडा (सोडा बाई कार्व) पैमठ ग्राम-तीनो मिलाकर रख लें। प्रात व माय एक-एक चम्मच उपयोग करें, लाभ होगा।

    सिरदर्द -

    प्याज को खूब बारीक कूट लें और पांव के तलुप्रो पर लेप कर दें, सब प्रकार का सिरदर्द ठीक हो जाता है ।

    मोतियाबिंद-

    मोतियाबिंद के प्रारम्भ में प्याज का रस पन्द्रह ग्राम, शुद्ध मधु पन्द्रह ग्राम भीमसेनी कपूर चार ग्राम--मब को मिला कर रात को सोते समय दो-दो सलाई डालने से उतरता हुमा मोतिया रुक जाता है, बल्कि उतरा हुन्मा भी साफ़ हो जाता है।

    लाजवाब सुरमा-

    काला सुरमा पचास ग्राम चौबीस घटे तक प्याज के रस मे खरल करें, खुश्क होने पर शीशी मे सम्भाल कर रखें। प्राखो की लाली, घुघ, जाला तथा मोतियाबिंद मे गुणकारी है ।

    मूत्र की जलन-

    यदि मूत्र जल कर पाता हो तो पचास ग्राम छिला हुमा प्याज बारीक करके आधा किलो पानी में उबालें । पानी प्राधा रह जाने पर छान कर और ठण्डा करके पिलाएं, जलन दूर होगी।

    स्तन घाव-

    तेल तिल्ली सवा सौ ग्राम मे पहले तीस ग्राम प्याज जलाएं, तत्पश्चात् तीस ग्राम ताजा नीम के पत्ते जलाएं फिर इसमें सौ ग्राम मोम मिला कर मरहम बना लें । यह मरहम घाव पर लगाते रहने से घाव कुछ दिनों में भर जाता है।

    बच्चों का कान-दर्द-

    प्याज भूभल मे दबाकर नर्म करें। फिर निचोडकर पानी निकालें और तनिक उष्ण करके दो-तीन बूंद कान मे डालें, दर्द तुरन्त बन्द होगा।

    बच्चों की आँख दुखना-

    प्याज का रस एक भाग और शुद्ध मधु एक भाग को दो भाग अर्क गुलाव में मिलाकर रखें। एक एक बूद दोनो समय आँखो में डालें, आराम होगा।

    विषले जीव-जन्तुग्रो के काटे पर-

    प्याज का रम भीर नौसादर, प्रत्येक पन्द्रह ग्राम-खरल मे डालकर खूब खरल करें। जब दोनो वस्तुएँ भली प्रकार मिल जाएं तो शीशी में सुरक्षित रखें। विच्छ, भिड, मधुमक्खी, मच्छर इत्यादि के काटे पर इसकी दो बूंदें मल दें, तुरन्त ठण्डक पड़ जाती है।

    पागल कुत्तं और बदर के काटे पर भी इसी प्रकार उपयोग करें।


    No comments