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    किसी मुल्क में पागलों की संख्या उसके सभ्य होने का पैमाना है - ओशो

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    किसी मुल्क में पागलों की संख्या उसके सभ्य होने का पैमाना है - ओशो 

    क्या आपको पता है कि जो हमारी जमीन पर सबसे ज्यादा शिक्षित और सभ्य मुल्क है वही मुल्क सर्वाधिक मानसिक रोगों से भी पीड़ित है। अमेरिका में प्रतिदिन कोई पंद्रह लाख से तीस लाख तक लोग अपनी मानसिक चिकित्सा के लिए सलाह ले रहे हैं। ये सरकारी आंकड़े हैं। और सरकारी आंकड़े कभी सच नहीं होते। इससे ज्यादा लोग वहां खराब हालत में हैं। मानसिक चिकित्सकों की संख्या अमेरिका में एकदम तीव्रता से बढ़ती चली जाती है।

    अमेरिका सबसे ज्यादा सभ्य मुल्क है इसका यह सबूत है। और कल जब आप भी सभ्य हो जाएंगे तो आपको भी पागलों की संख्या इतनी ही बढ़ानी पड़ेगी। क्योंकि बिना पागल हुए कोई सभ्य नहीं हो सकता। वह मुल्क पूरी तरह सभ्य कहा जाएगा जिस मुल्क के सारे लोग पागल हो जाएं। वहां सभ्यता चरम उत्कर्ष पर पहुंच गई।

    क्योंकि सभ्यता सिखाती है नैतिकता, और नैतिकता से पैदा होता है तनाव, द्वंद और स्ट, वह चित्त को बांट देती है खंड-खंड कर देती है. वह खंड-खंड चित्त बडी बेचैनी में पड़ जाता है। तो एक रास्ता तो है कि वह पागल हो जाए। पागल हो कर आत्मघात कर ले। आत्म हत्या की संख्या भी सभ्यता के साथ बढ़ती है। दूसरा उपाय है कि वह बेईमान हो जाए और धोखा देने लगे बाहर से कुछ दिखाई पड़े भीतर से कुछ और हो जाए।

     - ओशो 


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