चंद्र और शुक्र के योग का आप पर प्रभाव व उपाय
चंद्र और शुक्र के योग का आप पर प्रभाव व उपाय
दो ग्रहों के योग व उपाय
जब दो ग्रहों का योग हो तो कष्ट के निवारण के लिए किन-किन वस्तुओं का दान और किन रत्नों को धारण करना उचित है, यह जानना प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवश्यक है। ऐसा अनेकों बार देखा गया है कि नन्मकुंडली में कोई भी ग्रह अकेले न बैठकर दो या इससे भी ज्यादा संख्या में बैठे होते हैं। ऐसी हालत में यह जानना बहुत जरूरी हो जाता है कि ग्रहों के इस योग का फल अच्छा निकलेगा या बुरा।चंद्र और शुक्र
चंद्र यदि पक्ष बल में बली हो और शुक्र शुभ भावों (घरों) का स्वामी हो तो इस योग का अर्थ धन की वृद्धि भी होगा और साथ ही उन घरोंगे. पदार्थों आदि की वृद्धि जिनका कि शुक्र स्वामी है।किन्तु यदि चंद्र पक्ष बल में बलवान् नहीं है, तो चंद्र की युति से शुक्र को हानि पा चेगी। यदि शुक्र सातवें घर का स्वामी हुआ तो स्त्री की प्राप्ति में विलंब तथा वैवाहिक जीवन में बाधा होगी।
ऐसी अनिष्टकारी दशा में शुक्र को बलवान् करना अनिवार्य होगा तथा चंद्र की शांति करानी होगी।
नोट-शुक्र और चंद्र के बारे में भी यही फल समझना चाहिए।
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