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    ज्योतिष से जानिए पाप एवं दुर्भाग्य का ग्रह राहु के स्वभाव के बारे में

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    ज्योतिष से जानिए पाप एवं दुर्भाग्य का ग्रह राहु के स्वभाव के बारे में 


    विप्रचित्ति नामक दानव और हिरण्यकशिपु की पुत्री सिंहिका का पुत्र राहु केवल एक छाया ग्रह है। राहु को कालपुरुष का दुःख माना गया है। यह दुःख , शोक, पाप और दुर्भाग्य का प्रतीक ग्रह है। इस ग्रह का मानव के पैरों पर अधिकार रहता है। यह एक राशि पर पूरे डेढ़ वर्ष तक रहता है। यह मकर राशि का स्वामी है। यह स्त्रीलिंगी तथा तामस गुण वाला है । इसका नीचा स्थान वृष और ऊंचा स्थान वृश्चिक है। यदि जन्मकुंडली में राहु तीसरे, छठे और नौवें घरों में मौजूद हो तो सर्व प्रकार के दोषों को समाप्त करता है।

    मिथुन, कन्या, तुला, धनु, मकर तथा मीन राशियां राह की मित्र राशियां हैं, तथा कर्क और सिंह शत्रु राशियां हैं। यह ग्रह शुक्र के साथ राजस तथा सूर्य एवं चंद्र के साथ शत्रुवत् व्यवहार करता है। बुध, शुक्र गुरु को न तो अपना मित्र समझता है और न ही उससे किसी प्रकार की शत्रुता ही रखता है। यह अपने स्थान से सातवें घर को पूर्ण दृष्टि से देखता है।

    राहु को इस युग में भी प्रत्यक्ष प्रभाव देने वाला माना गया है। इसकी शक्ति असीम है। इसके द्वारा दुःख, दुर्भाग्य, संकट विध्वंसात्मक प्रवृत्ति, नौका चालन, राजनीति, साहस, चिंता, पितामह, अनुसंधान तथा विलासिता आदि का विचार किया जाता है।

    यदि जन्मकुंडली में राहु बली होकर शुभ भावों में मौजूद हो तो जातक को राजनीति में सफलता प्रदान करता है। सामान्य रूप से राहु के द्वारा मुद्रण कार्य, फोटोग्राफी, नीले रंग की वस्तुएं चर्बी, हड्डी, सीमेंट, चित्रकारी, मद्यपान द्यूतक्रीड़ा आदि विषयों का विचार किया जाता है। यदि जन्मकुण्डली में राहु अशुभ प्रभाव दे रहा हो तो जातक चर्बी तथा हड्डी जनित रोगों से पीड़ित रहता है। राहु के दुष्प्रभाव से जातक आलसी तथा मानसिक रूप से सदैव दरखी नना रहता है। यह सब ग्रहों से बलवान् माना जाता है तथा वृष और ला लग्न में योगकारक बनता है।

    उच्च का राहु जातक को स्पष्ट वक्ता बना देता है, साथ ही उसे द्रव्य प्राप्ति भी कराता है। नीच का राहु व्यक्ति को दंगल अथवा मुकदमे में जीतने वाला बनाता है, किन्तु इसे द्रव्य की प्राप्ति नहीं होती। यदि राहु अपने घर में बैठा हो, तो जातक भाग्यशाली और उच्च पद का प्रत्याशी होता है, जबकि शत्रुक्षेत्री राहु जातक के भाग्य को चमकाने वाला और उसके कार्यों को संपादित करने वाला होता है।

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