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    झूठी नैतिकता से पाखंड पैदा होता है, धोखा पैदा होता है - ओशो

    False-morality-creates-hypocrisy,-deception-is-born---Osho

    झूठी नैतिकता से पाखंड पैदा होता है, धोखा पैदा होता है - ओशो 

    पीछे लंदन में सेक्सपीयर का एक नाटक चलता था। इंगलैंड के चर्च का एक बहुत बड़ा पादरी भी उस नाटक को देखने को उत्सुक था। लेकिन पादरी और नाटक देखने जाए, यह जरा अशोभन। क्योंकि यही पादरी तो समझाता रहा है कि नाटक देखना पाप है। अब यह ही कैसे इस नाटक को देखने जाए। लेकिन मन में उसके बड़ा लगाव था तो उसने नाटक के मैनेजर को एक पत्र लिखा और उस पत्र में लिखा कि मेरे मित्र बड़ी कृपा होगी। क्या ऐसा नहीं हो सकता कि जब भवन में अंधेरा हो जाता है तो पीछे के द्वार से मुझे भी भीतर आ जाने दिया जाए। नाटक मैं देखना चाहता हूं लेकिन मैं यह नहीं चाहता कि लोग मुझे देखें। कोई पीछे का दरवाजा नहीं है आपके नाटकगृह में?

    उस थियेटर के मैनेजर ने लिखा कि पीछे का दरवाजा है। और अक्सर हमें पादरियों के लिए उससे आने की व्यवस्था करनी होती है लेकिन एक बात मैं हमेशा बता देना पहले ही उचित समझता हूं। ऐसा दरवाजा तो है हमारे नाटकगृह में कि आप उससे आएं और लोग आपको न देख सकें लेकिन ऐसा कोई दरवाजा नहीं है जिसको परमात्मा न देखता हो। यह ख्याल में रखें और बराबर आ जाएं।

    मुझे पता नहीं कि वह पादरी देखने गया या नहीं! लेकिन पीछे के दरवाजे खोजने की इच्छा होती है। ऊपर से नैतिकता ओढ़ लेते हैं फिर पीछे का दरवाजा खोजना पड़ता है। इससे पाखंड पैदा होता है इससे धोखा पैदा होता है और इस धोखे से मनुष्य के जीवन में जो भी श्रेष्ठतम है उसकी खोज असंभव हो जाती है। वह न केवल दूसरों को धोखा देता है बल्कि खुद को भी धोखा देने लगता है। यह है नैतिकता की शिक्षा.... जिसके ये परिणाम हैं।

     - ओशो 

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