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    मंगल और बुध के योग का आप पर प्रभाव व उपाय

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    मंगल और बुध के योग का आप पर प्रभाव व उपाय

    दो ग्रहों के योग व उपाय

    जब दो ग्रहों का योग हो तो कष्ट के निवारण के लिए किन-किन वस्तुओं का दान और किन रत्नों को धारण करना उचित है, यह जानना प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवश्यक है। ऐसा अनेकों बार देखा गया है कि नन्मकुंडली में कोई भी ग्रह अकेले न बैठकर दो या इससे भी ज्यादा संख्या में बैठे होते हैं। ऐसी हालत में यह जानना बहुत जरूरी हो जाता है कि ग्रहों के इस योग का फल अच्छा निकलेगा या बुरा।

    मंगल और बुध

    इन दोनों ग्रहों की युति में मंगल को लाभ पहुंचेगा। अर्थात् उन बातों में वृद्धि होगी, जिनका प्रतिनिधित्व मंगल अपने आधिपत्य द्वारा करता है। किन्तु मंगल द्वारा बुध की हानि होगी और यदि मंगल की दृष्टि बुध की राशि मिथुन पर भी पड़ती हो तो मिथुन जिस घर से आठवें में पड़ता हो, उस संबंधी की जीवन हानि का योग बनेगा।
    जैसे लग्न सिंह हो और मंगल/बुध आठवें घर में मीन राशि में स्थित हों तो यह योग माता के जीवन के लिए अचानक हानि करने वाला होगा, क्योंकि मंगल का प्रभाव माता के आठवें घर पर और उस स्थान के स्वामी दोनों पर पड़ेगा।

    उपर्युक्त स्थिति में माता के लिए पन्ना धारण करना आवश्यक होगा और साथ ही मंगल की शांति करानी होगी। मंगल और बुध की युति विद्या हानि की द्योतक नहीं है, क्योंकि मंगल सूझबूझ और ऊहापोह का ग्रह है।
    नोट-बुध और मंगल के बारे में भी यही फल समझना चाहिए। 

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