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    बृहस्पति और सूर्य के योग का आप पर प्रभाव व उपाय

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    बृहस्पति और सूर्य के योग का आप पर प्रभाव व उपाय

    दो ग्रहों के योग व उपाय

    जब दो ग्रहों का योग हो तो कष्ट के निवारण के लिए किन-किन वस्तुओं का दान और किन रत्नों को धारण करना उचित है, यह जानना प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवश्यक है। ऐसा अनेकों बार देखा गया है कि नन्मकुंडली में कोई भी ग्रह अकेले न बैठकर दो या इससे भी ज्यादा संख्या में बैठे होते हैं। ऐसी हालत में यह जानना बहुत जरूरी हो जाता है कि ग्रहों के इस योग का फल अच्छा निकलेगा या बुरा।

    बृहस्पति और सूर्य

    बृहस्पति यद्यपि सूर्य का मित्र है, तो भी सूर्य के साथ होकर बृहस्पति को थोड़ी हानि पहंचने की संभावना है। जैसे मिथुन लग्न हो और पूर्य/बृहस्पति की युति हो तो सातवें घर के स्वामी के रूप में बृहस्पति को हानि पहुंचेगी।

    स्त्रियों की जन्मकुंडली में ऐसा योग दंपत्ति कलह का कारण बनेगा। ऐसी स्थिति में बहस्पति को बलवान करना होगा और सूर्य की शांति करानी होगी। बृहस्पति को बलवान् करने के लिए चांदी की अंगूठी में पुखराज लगवाकर पहनना होगा।

    यदि सिंह लग्न हो और बृहस्पति व सूर्य की युति हो तो यह युति पुत्र की प्राप्ति में बाधक मानी जाएगी। यहां भी बृहस्पति और सूर्य के उपरोक्त उपाय करने होंगे।

    कन्या लग्न हो और सूर्य व बृहस्पति की युति हो तो यह सांसारिक सुखों की हानि का योग समझा जाएगा। ऐसी स्थिति में भी उपरोक्त सूर्य और बृहस्पति को क्रमश: बलवान् और शांति ही आवश्यक प्रक्रिया होगी।
    नोट-सूर्य और बृहस्पति के बारे में भी यही समझना चाहिए। 

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