Tuesday, March 18.
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    बृहस्पति और चंद्र के योग का आप पर प्रभाव व उपाय

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    बृहस्पति और चंद्र के योग का आप पर प्रभाव व उपाय

    दो ग्रहों के योग व उपाय

    जब दो ग्रहों का योग हो तो कष्ट के निवारण के लिए किन-किन वस्तुओं का दान और किन रत्नों को धारण करना उचित है, यह जानना प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवश्यक है। ऐसा अनेकों बार देखा गया है कि नन्मकुंडली में कोई भी ग्रह अकेले न बैठकर दो या इससे भी ज्यादा संख्या में बैठे होते हैं। ऐसी हालत में यह जानना बहुत जरूरी हो जाता है कि ग्रहों के इस योग का फल अच्छा निकलेगा या बुरा।

    बृहस्पति और चंद्र

    यदि चंद्रमा शुभ भाव का स्वामी होता हुआ पक्ष बल में बली हो, अर्थात् सूर्य से७२ अंशसेअधिक दूरी पर होऔर बृहस्पति भी शुभ धन द्योतक घरों का स्वामी होता हुआ, जैसे मेष लग्न में नौवें घर का स्वामी या कुंभ लग्न में ग्यारहवें या दूसरे घर का स्वामी या वृश्चिक लग्न में दूसरे घर का स्वामी पांचवें घर के स्वामी चंद्र से युति करे तो यह योग जातक को असाधारण रूप से धनाढ्य बना देता है।

    किन्तु यदि चंद्र पक्ष बल में हीन बली हो तो फिर चंद्राबृहस्पति की युति से उस घर को हानि पहंचेगी, जिस घर का बृहस्पति स्वामी है।

    जैसे मेष लग्न हो, बृहस्पति और चंद्र दूसरे घर में वृष राशि में हो; सूर्य लग्न तीसरे घर में हो तो बृहस्पति भाग्य में हानि करेगा। राज्याधिकारियों से हानि दिलाएगा। ऐसी स्थिति में बृहस्पति को शांत करना चाहिए।
    नोट-चंद्र और बृहस्पति के बारे में भी यही फल समझना चाहिए। 

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