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    बृहस्पति और बुध के योग का आप पर प्रभाव व उपाय

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    बृहस्पति और बुध के योग का आप पर प्रभाव व उपाय

    दो ग्रहों के योग व उपाय

    जब दो ग्रहों का योग हो तो कष्ट के निवारण के लिए किन-किन वस्तुओं का दान और किन रत्नों को धारण करना उचित है, यह जानना प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवश्यक है। ऐसा अनेकों बार देखा गया है कि नन्मकुंडली में कोई भी ग्रह अकेले न बैठकर दो या इससे भी ज्यादा संख्या में बैठे होते हैं। ऐसी हालत में यह जानना बहुत जरूरी हो जाता है कि ग्रहों के इस योग का फल अच्छा निकलेगा या बुरा।

    बृहस्पति और बुध

    इन दोनों ग्रहों की युति से साधारणतया बृहस्पति की बुध सहायता करता है, किन्तु जब बुध पापी हो जाए, तो बृहस्पति को हानि अवश्य ही पहुंचती है। उदाहरण के लिए लग्न मेष है और राहु तीसरे घर में है और शनि छठे घर में है तथा बृहस्पति और बुध की युति दूसरे घर में है, तो ऐसी स्थिति में बध चूंकि राहु तथा शनि अधिष्ठित राशियों का स्वामी है, उसकी वृहस्पति से युति नौवें घर को जिसका कि बृहस्पति स्वामी है, हानि करेगी। अर्थात् जातक के भाग्य में हानि, राज्याधिकारी वर्ग से वैमनस्य आदि होंगे। इसके उपाय के रूप में बृहस्पति को चांदी की अंगूठी में पुखराज पहनकर बलवान् करना होगा। बुध का उपाय होगा तथा शनि और राहु की शांति कराई जाएगी। नोट-बुध और बृहस्पति के बारे में भी यही फल समझना चाहिए।

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