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    क्या आपका केतु कमजोर है ? जाने उसके लक्षण एवं उपाय

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    क्या आपका केतु कमजोर है ? जाने उसके लक्षण एवं उपाय 

    कमजोर केतु के लक्षण 



    • बेटे या पोते को सूखे की बीमारी लगे।
    • रीढ़ में दर्द हो। 
    • फोड़े-फुसी निकलें। 
    • पेशाब की बीमारी हो।
    • जोड़ों का दर्द कायम रहे। 
    • औलाद की पैदाईश में रुकावट आए।
    • हर वक्त बच्चे बनाने की फिक्र रहे।
    • औरत की सेहत खराब रहे। 
    • पित्त या गुर्दे की पथरी की वजह से तकलीफ हो। 
    • भाइयों की तरफ से दुःखिया रहे।
    • दीवानी मुकदमों में पैसा बर्बाद हो।
    • शूगर की बीमारी से पीड़ित हो।
    • लड़कों को श्वास की बीमारी तकलीफ दे। . 
    • जातक कुत्तों से बेहद डरे।
    • दुश्मन साथ लगे रहें।
    • छत पर बैठकर कुत्ते रोया करें।
    • मकान की छत गिर जाए।
    • काम वासना बहुत ज्यादा हो।


    उपरोक्त सभी लक्षण कमजोर केतु के हैं। केतु को अनुकूल बनाने के लिए निम्नलिखित उपाय लाभदायक सिद्ध होते हैं


    • बृहस्पति का उपाय मददगार होगा और सेहत के लिए चंद्र का उपाय मदद देगा।
    • जब औलाद तकलीफ में हो तो काला-सफेद कम्बल धर्म-स्थान में बैठे साधु को देना अच्छा होगा।
    • पांव या पेशाब की तकलीफ में पांव के दोनों अंगूठों में चांदी की तार डाल दें।
    • माया के मदे असर के लिए बंदर को गुड़ खिलाएं।
    • बुध का उपाय करें या कराएं। 
    • सेहत मंदी के वक्त रोज केसर का तिलक करें।
    • चाल-चलन की संभाल जरूरी। 
    • रीढ़ में दर्द, पांव, घुटने या कमर आदि में तकलीफ हो तो गले में सोना पहनें।
    • गुड़, चावल या दाल चना दरिया में बहाएं।
    • दक्षिण के दरवाजे पर तांबे की कीलें या तांबे के पत्तर तांबे की कीलों से गाड़ दें। 
    • सोना, सूर्य की पीली चीजें कपड़े में बांधकर कुल पुरोहित को देकर आशीर्वाद लें।
    • औलाद की तकलीफों को दूर करने के लिए कुत्ता पालें। 
    • मन की शांति के लिए चांदी पहनें।
    • चंद्र, मंगल की चीजें दान करें।
    • सोने की अंगूठी बाएं हाथ में पहनें।
    • ४३ दिन तक रोज मंदिर में केले दें।
    • घर में किसी भी जगह पर सोने का चौकोर पत्तर कायम करें।
    • मकान की बुनियाद में लोहे के पात्र में शहद, दूध दबाएं।
    • चांदी का शुद्ध बर्तन शहद से भरकर घर में रखें।
    • अपनी औरत की जिंदगी बचाने के लिए ४३ दिन तक रोज़ रात को ग्यारह मूलियां उसके सिरहाने रखें और सुबह मंदिर में दे आएं।
    • रोज सुबह गणेशजी की पूजा करें।


    विशेष- लाल किताब के लेखक ने केतु को चारपाई भी माना है, जातक को जो चारपाई (या पलंग) अपनी ससुराल से मिली है, जातक रात को उसी चारपाई पर सोए। औलाद पैदा करने के लिए वो चारपाई अच्छा फल देगी। जब तक वो चारपाई घर में रहेगी, केतु का फल कभी नीच (कमजोर) नहीं होगा।

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