यदि तुम्हारी अंतराभीप्सा सचमुच जाग चुकी है तो गुरु को आना ही होगा - ओशो
यदि तुम्हारी अंतराभीप्सा सचमुच जाग चुकी है तो गुरु को आना ही होगा - ओशो
यदि तुम बुद्ध के साथ तालमेल जुडा अनुभव करते हो तो बुद्ध है तुम्हारे लिए ; सारे विचार गिरा देना | यदि तुम मेरे साथ तालमेल अनुभव करते हो , तो केवल एक मैं ही बुद्ध पुरुष होता हूँ तुम्हारे लिए | बुद्ध , महावीर , कृष्ण - फेंक दो उन्हें रद्दी की टोकरी में | यदि तुम मेरे साथ तालमेल अनुभव नहीं करते तो मुझे फेंक देना रद्दी की टोकरी में और चलते चलना अपने स्वभाव के अनुसार | कहीं न कहीं , कोई न कोई गुरु अस्तित्व रख रहा होता है तुम्हारे लिए | जब कोई प्यासा होता है पानी अस्तित्व रखता है | जब कोई भूखा होता है भोजन अस्तित्व रखता है | जब किसी में गहन प्यास उठती है प्रेम की, तप प्रिय अस्तित्व रखता है | जब आध्यात्मिक अभीप्सा जगती है - वह वास्तव में उठ ही नहीं सकती यदि कोई ऐसा व्यक्ति न हो जो की उसे पूरा कर सकता हो |सम्पूर्ण ब्रहमांड एक है : एक हिस्से में आकांक्षा जगती है दुसरे हिस्से में परिपूर्ति प्रतीक्षा कर रही होती है | वे एक साथ उदित हो रही होती है ...यदि तुम्हारी अंतराभीप्सा सचमुच जाग चुकी है तो तुम्हे गुरु को खोजने की भी जरुरत नहीं है , गुरु को आना ही होगा तुम तक |
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