तुम्हारे विचार ही तो तुम्हारे जीवन को निर्मित करते हैं - ओशो
तुम्हारे विचार ही तो तुम्हारे जीवन को निर्मित करते हैं - ओशो
जैसे—जैसे तुम अपने प्रति सदभाव से भरोगे, अपने को स्वीकार करोगे, वैसे—वैसे तुम पाओगे कि स्वर्ग के राज्य के द्वार खुलने लगे। और बड़ा चमत्कार तो यह है कि जितना तुम अपने को पतित समझोगे, उतने पतित होते जाओगे। क्योंकि तुम्हारे विचार ही तो तुम्हारे जीवन को निर्मित करते हैं। तुम जितना अपने को बुरा समझोगे, उतना अपने आचरण में अपने को बुरा तुम्हें सिद्ध करना भी पड़ेगा, नहीं तो खुद की ही समझ गलत होने लगेगी।
गीता दर्शन,
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