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    मुल्ला नसरुद्दीन - एक रात का सपना - ओशो


    मुल्ला नसरुद्दीन - एक रात का सपना - ओशो 

    ।। हास्यमेव जयते ।।
          मैंने सुना है कि मुल्ला नसरुद्दीन ने एक रात सपना देखा कि कढ़ाई के पास खड़ा है और गोबर तल रहा है। खुद भी घबड़ा गया कि यह भी कोई बात है! घबड़ाहट में नींद खुल गई। सुबह ही सुबह भाग हुआ एक ज्योतिषी के पास गया, जो कि सपनों के अर्थ बताता था। ज्योतिषी से कहा कि बहुत बुरा सपना आया। ऐसा सपना तो कभी सुना भी नहीं कि किसी को आया हो, बड़ा चित्त ग्लानि से भरा हुआ है। सपना यह है कि मैं गोबर तल रहा हूं। नींद टूट गई, इतना दुख हुआ। इसका क्या अर्थ है?
          उस ज्योतिषी ने कहा कि एक रुपया लगेगा, अर्थ बता दूंगा। नसरुद्दीन ने कहा कि नासमझ, अगर एक रुपया ही मेरे पास होता तो गोबर तलता? मछलियां न खरीद लाता?
    गीता दर्शन

    -ओशो

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